छत्तीसगढ

Bastar Pandum : बस्तर की जनजातीय कला-संस्कृति के धरोहर को पुनर्जीवित करने “बस्तर पंडुम” का होगा भव्य आयोजन

रायपुर, 26 फरवरी। Bastar Pandum : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर बस्तर की समृद्ध जनजातीय कला एवं संस्कृति के धरोहर को पुनर्जीवित करने बस्तर पंडुम का भव्य आयोजन किया जाएगा। यह आयोजन मार्च में होगा। इस संबंध में मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने मंगलवार शाम को वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए बस्तर के कमिश्नर-आईजी सहित सातों जिले के कलेक्टर एवं एसपी को आवश्यक तैयारी एवं व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। इस दौरान प्रमुख सचिव अनुसूचित जाति एवं आदिम जाति विकास विभाग सोनमणि बोरा, सचिव संस्कृति विभाग अनबलगन पी सहित राज्य शासन के वरिष्ठ उच्चाधिकारी मौजूद रहे।

वीडियो कांफ्रेंसिंग में सचिव संस्कृति अनबलगन पी ने बताया कि बस्तर के जनजातीय समुदाय के लोगों विशेषकर युवाओं के मध्य समरसता और एकता स्थापित करने की इस अनूठी पहल से बस्तर की जनता में विश्वास,शान्ति और विकास को बढ़ावा मिलेगा। बस्तर पंडुम का आयोजन ब्लॉक, जिला और संभाग स्तर पर किया जाएगा। जिसमें जनजातीय नृत्य, गीत, नाट्य सहित जनजातीय वाद्य यंत्रों का प्रदर्शन, जनजातीय वेशभूषा एवं आभूषण का प्रदर्शन, जनजातीय कला एवं गोदना का प्रदर्शन तथा जनजातीय व्यंजन एवं पेय पदार्थों का प्रदर्शन विधाओं को शामिल किया गया है। साथ ही केवल संभाग स्तर आयोजन में जनजातीय रीति-रिवाज एवं तीज-त्यौहार पर आधारित प्रदर्शनी को समाहित किया गया है। ब्लॉक स्तर के बस्तर पंडुम में सभी कलाकारों एवं प्रतिभागियों को ओपन एंट्री दी जाएगी। इसके बाद चयनित दल एवं प्रतिभागी जिला स्तर और जिला स्तर से चयनित दल एवं प्रतिभागी संभाग स्तर के बस्तर पंडुम में अपनी सहभागिता निभाएंगे।

बस्तर पंडुम के प्रत्येक स्तर को बस्तर में उत्सव की तरह मनाया जायेगा जिसमें समाज प्रमुखों, वरिष्ठ नागरिकों, जनप्रतिनिधियों को अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जायेगा। जिला एवं संभाग स्तर पर बड़े स्तर के कलाकारों को आमंत्रित कर कार्यक्रम प्रस्तुति का अवसर प्रदान किया जाएगा। साथ ही मेहमान कलाकारों के रूप में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के दलों को आमंत्रित किया जाएगा। बस्तर पंडुम के प्रत्येक स्तर पर विजेता दलों एवं प्रतिभागियों को नगद पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र सहित फोटो फ्रेम भेंटकर सम्मानित किया जायेगा। इस आयोजन के प्रत्येक स्तर पर निःशुल्क भोजन एवं आवागमन हेतु वाहन की व्यवस्था सहित ठहरने की सुविधा उपलब्ध कराया जाएगा। वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान कलेक्टोरेट के एनआईसी कक्ष में कमिश्नर बस्तर श्री डोमन सिंह, आईजी श्री सुंदरराज पी., कलेक्टर श्री हरिस एस एवं एसपी श्री शलभ सिन्हा और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

बस्तर: अद्वितीय जनजातीय कला एवं संस्कृति के लिए विश्व प्रसिद्ध

दंडकारण्य के घने जंगल में बसा बस्तर अपने अद्वितीय जनजातीय कला एवं संस्कृति के लिए विश्व प्रसिद्ध है, यहां की जनजातीय समाज घने जंगल, पहाड़ी एवं दुर्गम स्थानों में निवासरत है, जिनकी एक विशेष बोली-भाषा, खान-पान, रहन-सहन सहित कला-संस्कृति तथा तीज-त्यौहार हैं। बस्तर की नैसर्गिक सुंदरता भी अप्रतिम है जो देश-दुनिया के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है।

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