Big Decision : उप मुख्यमंत्री अरुण साव का बड़ा निर्णय, विकास कार्य हेतु नगरीय निकायों को जारी किए 215 करोड़ रुपए
रायपुर. 17 जनवरी। Big Decision : उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री अरुण साव ने आज प्रदेश के सभी 14 नगर निगमों के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने मंत्रालय में आयोजित बैठक में शहरों में विकास और सुविधाएं बढ़ाने के काम में तेजी लाने के दिए निर्देश दिए। उनकी समीक्षा बैठक के बाद विभाग ने आज ही नगरीय निकायों में विकास कार्यों के लिए 215 करोड़ रुपए की राशि जारी कर दी है। उप मुख्यमंत्री ने बैठक में सभी नगर निगम आयुक्तों को अपनी टीम और जनप्रतिनिधियों के साथ सप्ताह में तीन दिन निर्माण और सफाई कार्यों के निरीक्षण के निर्देश दिए। उन्होंने इस पर गंभीरता से अमल करते हुए निरीक्षण के फोटो भी साझा करने को कहा। श्री साव ने सभी नगर निगमों में वार्डवार निरीक्षण के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि निरीक्षण के दौरान वे खुद भी सवेरे किसी भी दिन किसी भी नगर निगम में पहुंच सकते हैं। उन्होंने 22 जनवरी को अयोध्या में राममंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर शहरों के सभी वार्डों में जन सहयोग से स्वच्छता अभियान संचालित करने को कहा। नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. बसवराजू एस., विशेष सचिव श्री पी.एस. ध्रुव, संचालक श्री कुंदन कुमार और सूडा (SUDA) के सीईओ श्री सौमिल रंजन चौबे भी समीक्षा बैठक में शामिल हुए।
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने बैठक में सभी नगर निगमों में संपत्ति कर की वसूली के लिए अभियान चलाने को कहा। उन्होंने व्यावसायिक एवं आवासीय संपत्तियों से बकाया कर की राशि वसूलने के लिए हर बुधवार को अभियान संचालित करने के निर्देश दिए। उन्होंने संपत्ति कर के बड़े बकायादारों की सूची तैयार कर कड़ाई से इसकी वसूली करने को कहा। उन्होंने आयुक्तों को हर सप्ताह संपत्ति कर की प्राप्ति की समीक्षा करने को कहा। उन्होंने संपत्ति कर का निर्धारित लक्ष्य हासिल करने और वसूली में तेजी लाने के लिए कई सालों से एक ही स्थान पर पदस्थ सहायक राजस्व अधिकारियों (ARI) और राजस्व अधिकारियों (RI) के कार्यों की समीक्षा कर आवश्यकतानुसार उन्हें बदलने के निर्देश दिए। उन्होंने नवनिर्मित कॉलोनियों और व्यावसायिक परिसरों से भी प्राथमिकता से संपत्ति कर वसूलने को कहा।
उप मुख्यमंत्री साव ने नगर निगम आयुक्तों को भविष्य की जरूरतों के अनुसार शहरों को विकसित करने और नागरिकों के लिए सुविधाएं बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने इसके लिए महापौर एवं पार्षदों के साथ समन्वय से काम करने को कहा। श्री साव ने राज्य प्रवर्तित तथा 14वें एवं 15वें वित्त आयोग की राशि से प्रगतिरत निर्माण कार्यों को यथाशीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्माण कार्यों में गुणवत्ता और समय-सीमा का विशेष ध्यान रखने को कहा। उन्होंने मोबाइल वेन से निर्माण सामग्री और निर्माण की गुणवत्ता की नियमित जांच करने के साथ ही काम में देरी और लापरवाही बरतने वाले ठेकेदारों पर कार्रवाई के निर्देश दिए।
उप मुख्यमंत्री साव ने शहरों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्माणाधीन आवासों को आगामी मार्च तक पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह केंद्र और राज्य सरकार दोनों की प्राथमिकता वाली योजना है। इनके निर्माण से गरीबों के आवास का सपना पूर्ण होने के साथ ही शहर व्यवस्थित भी होगा। उन्होंने गंदे नालों, तालाबों और उद्यानों की नियमित साफ-सफाई पर ध्यान देने को कहा। श्री साव ने अवैध प्लॉटिंग और अवैध निर्माण पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अवैध कॉलोनाइजर्स को केवल नोटिस जारी करने तक ही सीमित न रहें, बल्कि उनके विरूद्ध कानूनी कार्यवाही भी करें। उन्होंने सभी नगर निगमों में अनुकंपा नियुक्ति के मामलों का तत्काल निपटारा करने को कहा। श्री साव ने पीएम स्वनिधि योजना और पीएम विश्वकर्मा योजना का लाभ जरूरतमंदों तक पहुंचाना सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने केंद्र एवं राज्य प्रवर्तित योजनाओं के साथ ही सभी नगर निगमों के आय-व्यय की समीक्षा कर आवश्यक निर्देश दिए।
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के सचिव डॉ. बसवराजू एस. ने बैठक में लोगों को घर पर ही सूखा कचरा एवं गीला कचरा को अलग-अलग एकत्र करने के बारे में जागरूक करने के निर्देश दिए, ताकि इनके डिस्पोजल में आसानी हो। उन्होंने जमीन उपलब्ध होने के बाद ही निर्माण कार्यों का प्रस्ताव तैयार करने को कहा जिससे नए कार्यों को तुरंत प्रारंभ किया जा सके। उन्होंने राजस्व विभाग की टीम के साथ संपत्ति कर एवं अन्य करों की वसूली की प्रगति की हर सप्ताह समीक्षा करने के निर्देश दिए। उन्होंने सहायक राजस्व अधिकारियों और राजस्व अधिकारियों से संपत्ति कर के मूल्यांकन से छूटे नए मकानों और दुकानों का सर्वे कराने को कहा, ताकि इन जगहों से भी संपत्ति कर प्राप्त किया जा सके। सभी नगर निगमों के आयुक्तों के साथ ही अपर आयुक्त, लेखा अधिकारी एवं वरिष्ठ अभियंता भी समीक्षा बैठक में मौजूद थे।