![Education Dept News: DEO invites claim objection for compassionate appointment… see who will give](https://bharatbandhu.org/wp-content/uploads/2023/02/9F530B4C-875E-4754-B8D8-9CD0C1085175.jpeg)
रायपुर, 17 फरवरी।Holistic education : निःशुल्क बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत बीपीएल बच्चों के प्रवेश, नियंत्रण एवं शुल्क प्रतिपूर्ति राशि के भुगतान का संचालन अब फिर से लोक शिक्षण संचालनालय को सौंपा गया है। स्कूल शिक्षा विभाग ने इस संबंध में मंत्रालय से आदेश जारी कर समग्र शिक्षा से आरटीई का दायित्व वापस ले लिया है।
उल्लेखनीय है कि लगभग ढाई माह पहले (Holistic education) स्कूल शिक्षा विभाग ने आरटीई के समस्त कार्यों के संचालन की जिम्मेदारी राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा को सौंपी थी, किन्तु सामने आ रही तकनीकी दिक्कतों को देखते हुए अब आरटीई का संचालन फिर से लोक शिक्षण संचालनालय को दिया गया है। शासन की ओर से जारी पत्र में कहा है कि शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए स्वीकृत बजट की राशि को समग्र शिक्षा के सिंगल नोडल एकाउंट (एसएनए) में लिया जाना संभव नहीं होगा। निजी स्कूलों को मान्यता और निरस्त करने समेत अन्य प्रशासनिक नियंत्रण जिला शिक्षा अधिकारी का होता है। जिला शिक्षा अधिकारी लोक शिक्षण संचालक के प्रत्यक्ष नियंत्रण में कार्य करते हैं। समग्र शिक्षा के प्रबंध संचालक का निजी स्कूलों पर कोई प्रत्यक्ष नियंत्रण नहीं होता।
राज्य शासन द्वारा आरटीई के तहत कक्षा नर्सरी से कक्षा 8वीं तक के बच्चों के शुल्क का भुगतान गैर अनुदान प्राप्त निजी विद्यालयों को किया जा रहा है, परन्तु भारत सरकार द्वारा कक्षा पहली से आठवीं तक के बच्चों की ही शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए राशि स्वीकृत की जाती है। स्कूल शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि भारत सरकार नर्सरी के लिए राशि स्वीकृत नहीं करती।
निःशुल्क (Holistic education) बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम के अंतर्गत 25 प्रतिशत सीमा में प्रवेशित व अध्ययनरत बच्चों के शुल्क का भुगतान संचालक लोक शिक्षण द्वारा राज्य शासन से बजट स्वीकृति कराकर गैर अनुदान प्राप्त निजी विद्यालयों को किया जाता है। भारत सरकार द्वारा केवल कक्षा पहली से 8वीं तक के बच्चों की शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए राशि स्वीकृत करती है, जिसे संचालक लोक शिक्षण संचालनालय को इस कार्यालय द्वारा वापस कर दिया जाता है। भारत सरकार द्वारा आरटीई मद में वर्ष 2022-23 में स्वीकृत पूरी राशि 7789.3605 लाख रूपए संचालक लोक शिक्षण संचालनालय के बैंक खाते में अंतरित कर भारत सरकार के प्रबंध पोर्टल पर व्यय के रूप में प्रविष्ट कर दिया गया है। गैर अनुदान प्राप्त निजी विद्यालयों को किए गए भुगतान की प्रविष्टि जिला शिक्षा अधिकारियों द्वारा प्रबंध पोर्टल (पीएमएस पोर्टल) में किया जाता है। इस प्रविष्टि के आधार पर शुल्क प्रतिपूर्ति हेतु राशि का दावा समग्र शिक्षा के वार्षिक कार्ययोजना एवं बजट भारत सरकार से किया जाता है।
समग्र शिक्षा के नवीन फ्रेमवर्क के अनुसार शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत प्रवेशित बच्चों के विरूद्ध राज्य शासन द्वारा पात्र गैर अनुदान प्राप्त निजी विद्यालयों को शुल्क भुगतान में हुए व्यय की प्रतिपूर्ति के लिए समग्र शिक्षा द्वारा वित्तीय समर्थन का प्रावधान है।