OPS And NPS : छत्तीसगढ़ में OPS-NPS का विकल्प भरने की बढ़ाई मियाद…अब इस डेट तक भरना होगा…दोनों में हैं ये 10 बड़े अंतर देखें
![OPS And NPS: In Chhattisgarh, the deadline for filling the option of OPS-NPS has been extended… Now it will have to be filled till this date… See these 10 big differences between the two](https://bharatbandhu.org/wp-content/uploads/2023/02/D51479C3-8022-4FFE-AAA2-9E114D842514.jpeg)
रायपुर, 25 फरवरी। OPS And NPS : एनपीएस या ओपीएस के लिए विकल्प भरने की समय सीमा राज्य सरकार ने बढ़ा दी है। बीते 24 फरवरी को एनपीएस/ओपीएस का विकल्प भरने के अंतिम तिथि थी। जिसे शासन ने बढ़ाते हुए 5 मार्च कर दिया है। इस तिथि तक कर्मचारी एनपीएस या ओपीएस में से कोई भी एक विकल्प चुन सकते हैं।
ज्ञातव्य है कि शासकीय सेवकों के लिए पुरानी पेंशन योजना का लाभ लेने अथवा एनपीएस में यथावत बने रहने के लिए विकल्प हेतु 24 फरवरी तक की समय सीमा निर्धारित की गई थी। अब दोनों में से एक विकल्प चुनने के लिए कर्मचारी 5 मार्च तक फॉर्म भर सकते हैं।
2005 में बंद हुई थी पुरानी पेंशन
अप्रैल 2005 के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की केंद्र सरकार ने नियुक्तियों के लिए पुरानी पेंशन को बंद कर दिया था। नई पेंशन योजना लागू की गई थी. केंद्र सरकार के बाद नई पेंशन योजना लागू करने में राज्य भी पीछे नहीं रहे, हालांकि, ये अनिवार्य नहीं था। यूनियन का मानना है कि उस वक्त कर्मचारी इस नई पेंशन योजना को समझ नहीं पाए, उन्हें ऐसा लगा था, जैसे यह योजना सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें पुरानी पेंशन योजना से ज्यादा फायदा देगी, लेकिन ये भ्रम टूटा और पिछले कई सालों से नई पेंशन योजना का (OPS Breaking News) विरोध शुरू हो गया।
OPS और NPS में क्या हैं 10 बड़े अंतर
ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) | न्यू पेंशन स्कीम (NPS) |
ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) में पेंशन के लिए वेतन से कोई कटौती नहीं होती. | NPS में कर्मचारी के वेतन से 10% (बेसिक+DA) की कटौती होती है. |
पुरानी पेंशन योजना में GPF (General Provident Fund) की सुविधा है. | NPS में जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) की सुविधा को नहीं जोड़ा गया है. |
पुरानी पेंशन (OPS) एक सुरक्षित पेंशन योजना है. इसका भुगतान सरकार की ट्रेजरी के जरिए किया जाता है. | नई पेंशन योजना (NPS) शेयर बाजार आधारित है, बाजार की चाल के आधार पर ही भुगतान होता है. |
पुरानी पेंशन OPS में रिटायरमेंट के समय अंतिम बेसिक सैलरी के 50 फीसदी तक निश्चित पेंशन मिलती है. | NPS में रिटायरमेंट के समय निश्चित पेंशन की कोई गारंटी नहीं है. |
पुरानी पेंशन योजना में 6 महीने के बाद मिलने वाला महंगाई भत्ता (DA) लागू होता है. | NPS में 6 महीने के बाद मिलने वाला महंगाई भत्ता लागू नहीं होता है. |
OPS में रिटायरमेंट के बाद 20 लाख रुपए तक ग्रेच्युटी मिलती है. | NPS में रिटायरमेंट के समय ग्रेच्युटी का अस्थाई प्रावधान है. |
OPS में सर्विस के दौरान मौत होने पर फैमिली पेंशन का प्रावधान है. | NPS में सर्विस के दौरान मौत होने पर फैमिली पेंशन मिलती है, लेकिन योजना में जमा पैसे सरकार जब्त कर लेती है. |
OPS में रिटायरमेंट पर GPF के ब्याज पर किसी प्रकार का इनकम टैक्स नहीं लगता है. | NPS में रिटायरमेंट पर शेयर बाजार के आधार पर जो पैसा मिलेगा, उस पर टैक्स देना पड़ेगा. |
OPS में रिटायरमेंट के समय पेंशन प्राप्ति के लिए GPF से कोई निवेश नहीं करना पड़ता है. | NPS में रिटायरमेंट पर पेंशन प्राप्ति के लिए NPS फंड से 40 फीसदी पैसा इन्वेस्ट करना होता है. |
OPS में 40 फीसदी पेंशन कम्यूटेशन का प्रावधान है. | NPS में यह प्रावधान नहीं है. मेडिकल फैसिलिटी (FMA) है, लेकिन NPS में स्पष्ट प्रावधान नहीं है. |