Special Article : छत्तीसगढ़ की महिलाएं आर्थिक स्वावलंबन की राह पर
रायपुर, 08 मार्च। Special Article : महिलाओं ने अपनी क्षमता, योग्यता और हौसले से हर क्षेत्र में कामयाबी का परचम लहराया है। छत्तीसगढ़ में हमेशा महिलाओं का स्थान ऊंचा रहा है, लेकिन आर्थिक भागीदारी के मामले में आज भी महिलाओं के लिए काफी काम करने की जरूरत है। इसे देखते हुए राज्य सरकार महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है। प्रदेश में महतारी वंदन योजना शुरू कर महिलाओं की आर्थिक मजबूती की नई राह तैयार की गई है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा छत्तीसगढ़ की महिलाओं को गारंटी के तहत राज्य सरकार द्वारा महतारी वंदन योजना में महिलाओं के खाते में हर माह एक हजार रूपए अंतरित किये जाएंगे। इस प्रकार महिलाओं को प्रतिवर्ष 12 हजार रूपए मिलेंगे जिसका उपयोग महिलाएं अपनी रोजमर्रा की जरूरतों के साथ अपने तथा परिवार के स्वास्थ्य, पोषण या अन्य कमी को पूरा करने में कर सकेंगी। राज्य सरकार ने इसके लिए वर्ष 2024-25 के बजट में 3000 करोड़ रुपये और वित्तीय वर्ष 2023-24 के अनुपूरक बजट में 1200 करोड़ रूपए का प्रावधान किया है। इससे उनके समाजिक स्तर में सुधार होगा और परिवार में आर्थिक भागीदारी बढ़ेगी। योजना का लाभ विवाहित महिला के अलावा विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्ता महिलाओं को भी मिलेगा।
आधी आबादी की भागीदारी के बिना विकास की कल्पना नहीं की जा सकती। किसी भी देश-प्रदेश के विकास की कल्पना महिलाओं के सशक्तिकरण के बिना अधूरी है। इसलिए श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में गठित नई राज्य सरकार ने पिछले तीन माह के अल्प समय में ही महिलाओं के स्वावलंबन, स्वास्थ्य, पोषण और सुरक्षा को लेकर पुख्ता पहल की है। सरकार ने अपने पहले बजट में गरीब, युवा, अन्नदाता के साथ प्रमुखता से नारी के विकास को फोकस किया है।
वर्ष 2024-05 के बजट में महिला एवं बाल विकास विभाग के लिए 5,683 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान किया गया है, जो कि पिछले साल की तुलना में दोगुने से अधिक है। साथ ही छत्तीसगढ़ महिला कोष से स्व-सहायता समूहों तथा महिलाओं को ऋण योजना का लाभ देने के लिए 25 करोड़ 20 लाख रूपए की स्वीकृति दी गई है। प्रदेश के सभी 11 हजार से अधिक पंचायतों को महिला सदन खोलने का प्रावधान किया गया है।
राज्य सरकार ने महिलाओं की पुख्ता सुरक्षा के लिए भी विशेष व्यवस्था की शुरूआत की है। महिला संबंधी अपराधों की गंभीरता देखते हुए राजनांदगांव, कबीरधाम, रायगढ़, जशपुर और जगदलपुर जिलों में नवीन महिला थाना स्थापना के लिए 300 नवीन पदों का प्रावधान किया गया है। नवीन महिला थाना निर्माण के लिए 2 करोड़ रूपए का प्रावधान भी किया गया है। राज्य सरकार की योजना आगामी वर्षों में सभी जिलों में कम से कम एक-एक महिला थाना खोलने की है। महिला सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए भी 5 करोड़ 27 लाख रूपए का प्रावधान सरकार ने किया है। इसमें महिला हेल्पलाइन नम्बर (181), चाइल्ड हेल्पलाइन नम्बर (1098) के एकीकरण टोल फ्री नम्बर 112 हेतु 75 करोड़ 71 लाख रूपये का प्रावधान है।
महिलाओं की सुरक्षा और रोजगार के साथ उनकी सुविधाओं का ख्याल भी राज्य सरकार कर रही है। कामकाजी महिलाओं के बच्चों की देखभाल के लिए 1500 स्थानांे पर पालना केन्द्रों की योजना है। इसके लिए राज्य सरकार ने बजट में 20 करोड़ रूपए का प्रावधान भी किया है। आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बेटियों के विवाह लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत इस साल 7600 कन्याओं के विवाह का लक्ष्य रखते हुए 38 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है।
महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण भी राज्य सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। कुपोषण दूर करने के लिए इस वर्ष पोषण आहार हेतु 700 करोड़ का प्रावधान किया गया है। साथ ही 13 करोड़ रूपए के बजट से 1000 कन्या शालाओं, महाविद्यालयों में सेनेटरी नेपकिन वेडिंग मशीन लगाने की व्यवस्था की जा रही है। राज्य सरकार द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों ने महिलाओं के लिए सामाजिक और आर्थिक आजादी के नए युग को शुरूआत दी है। ये निर्णय निश्चय ही महिलाओं के लिए सुनहरे भविष्य का रास्ता तय करेंगे।